हकीकत जान लो जुदा होने से पहले,
मेरी सुन लो अपनी सुनाने से पहले,
ये सोच लेना भुलाने से पहले,
बहुत रोई हैं आँखें मुस्कुराने से पहले।
अलविदा कहने में
उसने जिंदगी का एक पल खोया,
हमने एक पल में पूरी जिंदगी खो दी।
लगता था जिंदगी को बदलने में टाइम लगेगा,
पर क्या पत्ता था,
बदलता हुआ वक़्त जिंदगी बदल देगा।
हमने सोचा था की बताएँगे,
सब दुःख दर्द तुमको,
पर तुमने तो इतना भी ना पूछा
की खामोश क्यूँ हो।
टूट कर बिखर जाते हैं,
वो लोग मिटटी की दीवारों की तरह,
जो खुद से भी ज्यादा किसी
और से प्यार करते हैं।
जिन्हें शिकायत होती थी,
कभी मेरे ना मुस्कुराने पर भी,
आज रो भी देता हूँ,
तो उसे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता।
कुछ किस्से अधूरे हैं,
कुछ यादें अधूरी है,
जीने की चाहत अधूरी है,
हाँ तुम बिन ये ज़िदगी भी अधूरी है।
टूटा हुआ सपना और रूठा हुआ अपना,
जीवन में बहुत तकलीफ देती हैं।
कभी नहीं रुला ते अपने हमें,
रुलाते तो वो है,
जिन्हे हम अपने समझने की गलती कर लेते है।
कहीं एक आखरी हद है,
जहां दिल को बिखरना है,
वहीं से मुझे फिर अपना सफ़र आगाज़ करना है,
मैं सूरज हूँ,
मुझे अंधेरो से मुझे क्या फर्क पड़ता है,
जहां मैं आज डूबा हूँ,
वहीं से कल निकलना है।
जिनकी हँसी खूबसूरत होती है,
उनके ज़ख्म काफी गहरे होते है।
तेरा नजरिया मेरे नजरिए से अलग था,
शायद तुम्हें वक्त गुजारना था और हमे सारी ज़िंदगी।
जरूरी नहीं हर शिकायत शब्दों में ही की जाए,
कुछ नाराज़गी चुप रहकर भी जताई जाती है।
जिसका दिल सच्चा होता है ना,
अक्सर उन्हीं की किस्मत ख़राब होती है।
तेरे रोने से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता ऐ दिल,
जिनके चाहने वाले ज्यादा हो,
वो अक्सर बे दर्द हुआ करते हैं।
जिंदगी में खुद को कभी किसी इंसान का आदि मत बनाना,
क्योकि इंसान केवल अपने मतलब से प्यार करता है।
माफ़ी से कुछ नहीं होता,
कुछ बाते दिल को लग जाती है,
जो कभी भुलाई नहीं जाती।
ग़लतफहमी में जीने का मजा कुछ और ही है,
वरना हक़ीकते तो अक्सर रुला देती है।
सीख नहीं पाए हम मीठे झूठ का हुनर,
कड़वे सच ने कई रिश्ते छीन लिए हमसे।
कुछ बातें समझने पर नहीं,
बल्कि खुद पर बीत जाने पर ही समझ आती है।
खोकर पता चलता है कीमत किसी की,
पास अगर हो तो अहसास कहाँ होता है।
ईतना दर्द शायद मौत भी ना देगी,
जितना दर्द तेरी ख़ामोशी दे रही है।
ग़म हूँ, दर्द हूँ,
साज़ हूँ, या आवाज़ हूँ, बस जो भी हूँ,
तुम बिन बहुत उदास हूँ।
जिसे मैं याद तक नहीं,
मैं बात भी उसी की करता हूँ,
जिसे मेरी परवाह तक नहीं,
मैं आज भी उसी पे मरता हूँ।
जो लोग छोटी सी बात पर भी जल्दी रोते है,
वास्तव में वो लोग दिल के बड़े सच्चे होते हैं।
कुछ लोग डायरी इसलिए लिखते हैं,
क्योंकि उनकी बात सुनने वाला कोई नहीं होता।
आज की दुनिया में बाहर से खुश रहने वाले,
अंदर से तकलीफ़ में होते हैं।
किसी की चुप्पी बहुत कुछ कहती हैं,
आपकी सोच से भी ज्यादा।
दुनिया की सबसे बेकार फीलिंग,
की कोई किसी को पसंद करता है,
उसे रोज देख सकता है,
वो उसके साथ यादे बना सकता है,
पर उसे पता है की वो उसका कभी हो ही नहीं सकता।
बुरा तब लगता है,
जब गलती ना होते हुए भी,
गलत ठहराया जाता है।
कोई नहीं है समझने वाला,
कोई भी आता है रूलाकर चला जाता है।
हमने जिसे चाहा उसने चाहा किसी और को,
खुदा करे वो जिसे चाहे,
वो भी चाहे किसी और को।
जितना दुश्मन नहीं तड़पाते,
उससे ज्यादा वह यादें तड़पाती है,
जिसे हम भुलना चाहते हैं।
इस दुनिया में सुनने की आदत डाल लो,
क्योंकि यहाँ ताने मारने वालो की कमी नहीं है।
दुनिया में सब कुछ बदलता है,
तारीख बदलती है, लोग बदलते हैं, अपने बदलते हैं
और किस्मत भी बदलती है।
दुनिया में ऐसा ही होता है,
जिसे हम चाहते है,
वो किसी और को चाहता है।
एक वक्त आता है किसी को खुश देखने के लिए,
उससे दूर रहना पड़ता है।
दर्द उन्ही को मिलता है,
जो दर्द सहना जानते हैं।
अब तो आँखों से आँसू भी नहीं गिरते,
गीरे तो लोग हजारों सवाल पूछने लगते हैं,
समझाते हैं और चले जाते हैं।
खामोशिया तो बया कर देती है,
पर दर्द इतना है कि बोला नहीं जाता।
कितना दर्द होता है तब,
जब बच्चे अपने माँ-बाप को कहते है,
आपने हमारे लिए किया ही क्या है
आज कल के रिश्ते ऐसे हो चुके हैं,
जिसको याद करके रो रहे हैं
और उसे फिक्र ही नहीं।
ख़्वाब तो किस्मत वालों के पूरे होते हैं,
हमारे ख़्वाब तो अपनों ने ही दबा दिए
और कुछ आँखों में ही रह गए।
दर्द की कोई कीमत नहीं होती,
लोग यहाँ मुफ्त में देकर चले जाते हैं।
जिंदगी कितनी बदल चुकी है,
पहले जब तुम्हारी याद आती थी,
तो चेहरे पर मुस्कुराहट आती थी,
पर अब याद आते हैं,
तो आँखों से आँसू आ जाते हैं।
ए जिंदगी जितना तूने मुझे रुलाया है,
उतना मैं कभी भी रोया ही नहीं।
जो हमें समझना ही नहीं चाहता,
अब हम उन्हें समझाना ही नहीं चाहते,
उन्हें हक़ है कि हमें गलत ही समझे।
किसी ने अपना बना कर अकेला छोड़ दिया तो क्या हुआ,
हम पहले से ही अकेले थे,
किसी ने हमारी जगह बता दी तो क्या ।
कुछ वक्त माँ-बाप के साथ बिताया करो,
हर चीज गूगल में ढूंढने से नहीं मिलती।
पहले बात इतना करते थे की बाते ख़त्म नहीं होती थी,
और एक दिन बात नहीं हुई तो पुरा दिन अच्छा नहीं जाता था,
पर अब तो बाते ही नहीं होती।
यहाँ तो चुप रहना ही ठीक है,
यहाँ लोग बातों का जल्दी बुरा मान जाते हैं।
किसी से इतना भी मत रूठा करो,
कि बाद में वह इंसान ही ना रहे।
अनुभव पाना हर किसी के बस में नहीं होता
और जिसकी किस्मत में होता है,
उसे उसकी कीमत चुकानी पड़ती है।
लोग हमें इतना बुरा बोलते हैं,
कभी-कभी ऐसा लगता है,
कि सच में हम इतने बुरे हैं। किसी के दूर चले जाने से जिंदगी में इतना फर्क पड़ता है कि,
हम खामोश से हो जाते हैं।
एक बात बोलू
जिंदगी में ऐसा इंसान का होना बहुत ज़रूरी है,
जिसका दिल का हाल बताने के लिए
लफ़्ज़ों की ज़रूरत ना पड़े।
जब रिश्ता नया होता है
तो लोग बात करने के बहाने ढ़ुढ़ते है,
और जब वही रिश्ता पुराना हो जाता है,
तो लोग दूर होने का बहाना ढूढ़ते है।
सैड कोट्स
शब्द और सोच दूरियाँ बढ़ा देते है,
क्योंकि कभी हम समझ नहीं पाते
और कभी समझा नहीं पाते।
जिंदगी में दो चीजें भूलना बहुत मुश्किल है,
एक दिल का घाव और
दूसरा किसी के दिल के साथ लगाव।
टाइम पास करने के लिए बहुत से खिलौने बनाये है इंसान ने,
फिर भी न जाने क्यो लोग,
दिल को खिलौना समझकर खेलते रहते है।
हर वक्त मिलती रहती है मुझे अनजानी सी सजा,
मैं कैसे पूँछू तक़दीर से मेरा कसूर क्या है।
सैड कोट्स
कभी कभी किसी के लफ्ज़ हमें इतने चुभ जाते हैं,
की हम चुप से हो जाते हैं
और सोचते है क्या वाकई में हम इतने बुरे हैं।
कभी-कभी इंसान न टूटता है,
ना बिखरता है बस हार जाता है,
कभी खुद से कभी किस्मत से,
तो कभी अपनों से।
एक वक़्त था जब बाते ख़तम नहीं होती थी,
आज सब कुछ ख़तम हो जाता है
मगर बाते ही नहीं होती।
मजबूरी में जब कोई जुदा होता है,
जरुरी नहीं की वो बेवफा होता है,
देकर आपकी आँखों में आँसू,
अकेले में आपसे भी ज्यादा रोता है।
तू छोड़ दें कोशिशें इंसानो को पहचानने की,
यहाँ ज़रूरतों के हिसाब से सब बदलते नक़ाब हैं,
अपने गुनाहों पर सौ पर्दे डालकर हर शख़्स कहता है,
ज़माना बड़ा ख़राब है।
न अब किसी से नाराज़गी है,
न ही किसी से मोहब्बत है,
बार बार अगर अपने होने का,
एहसास दिलाना पड़े तो हम अकेले ही अच्छे है।
जीवन में आधा दुःख गलत लोगों से उम्मीद रखने से आता है
और बाकी का आधा दुःख सच्चे लोगों पर शक करने से आता है।
अजीब है मोहब्बत का खेल,
जा मुझे नहीं खेलना,
रूठ कोई और जाता है
टूट कोई और जाता है।
कभी-कभी हम गलत नहीं होते,
बस वो शब्द नहीं होते,
जो हमें सही साबित कर सकें।
समय किसी का भी एक जैसा नहीं रहता,
उन्हें भी रोना पड़ता है,
जो औरों को रुलाते हैं।
किसी को न पाने से जिंदगी खत्म नहीं होती,
लेकिन किसी को पाकर खो देने से कुछ बाकी भी नहीं रहता।
कौन कहता है कुछ तोङने के लिए पत्थर जरूरी है,
लहजा बदल कर बोलने से भी बहुत कुछ टूट जाता है।
खामोशियां बेवजह नहीं होती,
कुछ दर्द आवाज़ छीन लिया करते है।
अगर आप सही हो तो
कुछ सही साबित करने की कोशिश ना करो,
बस सही बने रहो,
गवाही खुद वक्त देगा।
दिल में आने का रास्ता तो होता है,
लेकिन जाने का नहीं,
इसलिए जब कोई दिल से जाता है,
तो दिल तोड़कर ही जाता है।
खामोश रहना ही बेहतर है,
लफ्ज़ो के अक्सर लोग गलत मतलब निकाल लेते है।
कभी कभी इंसान न टूटता है,
ना बिखरता है,
बस हार जाता है,
कभी किस्मत से,
तो कभी अपनों से।
अगर क़िस्मत लिखने का हक़ मेरी माँ का होता,
तो मेरी ज़िन्दगी में एक भी ग़म न होता।
किसी ने कहा दुनिया प्यार से चलती है,
किसी ने कहा दुनिया दोस्ती से चलती है,
लेकिन हमने जब आजमाया तो
ये दुनिया मतलब से चलती है।
ये दुनिया भी अजीब है,
यहाँ झूठ बोलने से नहीं
सच बोलने से रिश्ते टूट जाते हैं।
एक शमशान के बाहर लिखा था,
मंजिल तो तेरी यही थी,
बस ज़िन्दगी गुजर गई आते आते,
क्या मिला तुझे इस दुनिया से,
तेरे अपनों ने ही जला दिया तुझे जाते जाते।
गलती उसकी नहीं,
कसूर मेरी गरीबी थी,
हम अपनी औकात भूल कर,
बड़े लोगो से दिल लगा बैठे।
मैं हंस कर भी देख लिया,
और रो कर भी देख लिया,
किसी को पा कर और खो कर भी देख लिया,
ज़िन्दगी वही जी सकता है,
जिसने अकेले जीना सिख लिया।
किसी से नाराजगी,
इतने वक़्त तक ना रखो,
कि वह तुम्हारे बगैर ही
जीना सीख जाए।
कौन कहता है,
दर्द के लिए सिर्फ मोहब्बत जिम्मेदार होती है,
कम्बख्त दोस्ती भी बहुत दर्द देती है,
अगर दिल से हो जाए।
सारी दुनिया रूठ जाए,
मुझे कोई दुख नहीं,
बस एक तेरा खामोश रहना,
मुझे अंदर तक तकलीफ देती है।
बदलना कौन चाहता है जनाब,
लोग यहाँ मजबूर कर देते है,
बदलने के लिए।
एक बात हमेशा याद रखना,
दुनिया में तुम्हे मेरे जैसे बहुत मिलेंगे,
लेकिन उनमे तुम्हे हम नहीं मिलेंगे।
कितना बुरा लगता है,
जब बादल हो और बारीश ना हो,
जब जिंदगी हो और प्यार ना हो,
जब आंखे हो और ख़्वाब ना हो,
जब कोई अपना हो और कोई पास ना हो।